11 पण मोट्यार विदवा लुगायाँ को नाम सेवा करबा की पोती में मती लिकज्ये, काँके जद्याँ वीं आपणी देह की मरजी का वाते ब्याव करणी छावे, तो वीं मसी का गेलाऊँ भटक जावे हे।
अस्यान का मनक ब्याव करबा ने गलत अन खाबा की कई चिजाँऊँ रका राकबा की हिक देई, पण परमेसर वणा चिजाँ ने ईं वाते बणई के, विस्वास अन हाँच ने जाणबावाळा वाँने परमेसर को धन्नेवाद देन खावे।
ईं मनक बेकार में मेपणा की बाताँ करन कुकरम की कामाँ के वजेऊँ वणा मनकाँ ने जीं अबे भटक्या तका मनक मेंऊँ निकाळणो छारियो हे वाँने देह की मनसा में फसा लेवे हे।
काँके वणा हाराई मनकाँ ने कुकरम का वासना को दाकरस पायो हे। अन ईं धरती का हाराई राजा वींके हाते कुकरम किदो। अन ईं धरती की हाराई लेण-देण करबावाळा, वींका भोगन विलास की वजेऊँ रिप्यावाळा वेग्या हा।”
वींके वादी में बळबा की वजेऊँ अन वींमेंऊँ धूवो निकळतो तको देकन धरती की राजा ज्यो वींके हाते कुकरम किदो हो अन वींके हाते भोग-विलास में भोगी व्या हा, तो वीं वींका वाते रोई अन छाती कुटी।