9 आ हाँची बात हे, ज्या पुरी तरियाऊँ विस्वास करबावाळी अन मानबावाळी हे।
“वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
आ बात हरेक तरियाऊँ हाँची हे अन मानबा जोगी हे के, ईसू मसी ईं दनियाँ में पाप्याँ ने बंचाबा का वाते आया हा, जणामें हाराऊँ मोटो पापी मूँ हूँ।