ज्यो कुई मनक का पूत का विरोद में कई भलो-बुरो बात केई, वींको ओ गुनो परमेसर माप कर सके हे, पण ज्यो कुई पुवितर आत्मा का विरोद में कई केई, वाँको यो गुना ने तो ईं जुग में अन नेई आबावाळा जुग में माप किदो जाई।
आ हाँची बात हे। मूँ छावूँ हूँ के, अणी मामला में थूँ खासतोर जोर देन के, जणीऊँ परमेसर पे विस्वास करबावाळा भला काम करता रेवे। ईं बाताँ मनकाँ का वाते हव अन नफा की हे।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।
ज्यो भी जिती वींने मूँ परमेसर का मन्दर को थम्बो बणाऊँ। अन वींके केड़े, वो कदी बारणे ने जाई। मूँ वींपे मारा परमेसर को नाम लिकूँ। मूँ वींपे नुवो यरूसलेम को नाम लिकूँ, जो परमेसर का हरगऊँ उतरबावाळो हे। मूँ वींपे मारो नुवो नाम भी लिकूँ।