3 अस्यान का मनक ब्याव करबा ने गलत अन खाबा की कई चिजाँऊँ रका राकबा की हिक देई, पण परमेसर वणा चिजाँ ने ईं वाते बणई के, विस्वास अन हाँच ने जाणबावाळा वाँने परमेसर को धन्नेवाद देन खावे।
तद्याँ वणा मनकाँ ने क्यो के, रेटे बेट जावो अन वणा पाँच रोट्याँ अन दो माछळ्याँ लिदी अन हरग का आड़ी देकन धन्नेवाद दिदो अन रोट्याँ का कवा करन चेला ने दिदी चेला वाँने मनकाँ में बांट दिदी।
ज्यो मनक कणी दन ने एक खास दन माने हे वो अस्यान परबू ने आदर देबा का वाते करे हे। अन ज्यो हारोई खावे हे वो भी परबू ने आदर देबा का वाते खावे हे, काँके वीं रोटी का वाते परमेसर ने धन्नेवाद देवे हे। ज्यो थोड़ीक चिजाँने ने खावे वीं भी अस्यान परबू का आदर में करे हे अन परमेसर ने धन्नेवाद देवे हे।
क्यो जावे हे के, “खाणो पेट का वाते अन पेट खाणा का वाते हे।” पण परमेसर अणा दुयाँ ने खतम कर देई अन देह कुकरम का वाते ने हे, पण परबू की सेवा का वाते हे अन देह का वाते परबू वेवस्ता करे हे।
पण यद्याँ थूँ ब्याव भी करे तो पाप ने हे अन यद्याँ कूँवारी को ब्याव वे तो भी कई पाप ने हे, पण अस्या मनक सरीर को दुक जेली अन मूँ अणाने बंचाणो छारियो हूँ।
ब्याव को हाराई ने मान करणो छावे। लोग-लुगई एक-दूँजा का वाते वफादार रेवो। काँके दूजाँ का हाते गलत वेवार राकबावाळा लोग-लुगई ने अन कुकरम करबावाळा ने परमेसर सजा देई।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।