बिरिया का लोग थिसलुनीके का लोगाऊँ खुला मन का हा। आपणो मन लगान बचन हूणता हा अन हरेक दन पुवितर सास्तर में होदता के, जो भी पोलुस केरियो हे, वो हे के ने हे।
जद्याँ किंने दूजाँ ने हिम्मत बडाबा को वरदान मल्यो हे तो वो हिम्मत बड़ावे। जद्याँ किंने दान देबा को वरदान मल्यो हे तो वो खुला मनऊँ दान देवे। जद्याँ किंने अगुवाई करबा को वरदान मल्यो हे तो वो मन लगान अगुवाई करे, अन जद्याँ किंने दया करबा को वरदान मल्यो हे तो वो राजी मनऊँ दया करे।
हो विस्वासी भायाँ जद्याँ थाँ भेळा वेवो तो थाँने कई करणो छावे? थाँ तो जद्याँ भी भेळा वेवो हो तद्याँ थाँ भजन अन बचन, परमेसर का दरसण का बारा मेंईस बखाण करो हो। कुई अलग अलग बोली बोले हे अन कुई वीं बोली को मतलब बतावे हे। अन ईं हारी बाताँऊँ मण्डली आत्मिक रूप में गाटी वेणी छावे।
हो विस्वासी भायाँ यद्याँ मूँ थाँका नके आन दरसण, परमेसर का आड़ीऊँ बात, हिक देबावाळी अन ग्यान देबावाळी बाताँ ने बोलूँ पण अलग अलग बोली बोलूँ तो थाँने माराऊँ कई नफो?
यद्याँ थूँ विस्वास्याँ ने आ सला देई, तो थूँ ईसू मसी को हव दास केवाई अन विस्वास की बाताँ अन खरी हिक का वजेऊँ ज्याँने थूँ मानतो आयो हे, वाँकाऊँ थूँ खुद को आत्मिक तरियाऊँ पालण-पोसण करी।
परमेसर का हव हमच्यार को परच्यार कर, पलई ईंने हाराई मनक ने माने, पण ईंका केड़े भी थूँ ईंने पूरा मनऊँ करतो रे। थूँ लोगाँ ने सई कर अन वाँका पापाँ को वाँने ध्यान करान चेता। हातेई हाते वाँने उदास मती वेबा दे, वाँने सला देती दाण हमेस्यान धीरज राकज्ये।