ओ जरूरी वेग्यो हे के, वाँको मुण्डो बन्द किदो जावे, जीं ईं गलत बाताँ हिकान विस्वास्याँ का घर ने बगाड़रिया हे अन ईं हाराई नीचपणाऊँ रिप्या-कोड़ी कमावा का चकर में अस्यान करता रेवे हे।
परमेसर का काम ने आपणाँ हाताँ में लेबा का वाते एक मण्डली का परदानाँ में ओ जरूरी हे के, वींमें एक भी खोट ने वेणी छावे। वीं ने तो घमण्डी वेवे, ने फटाकऊँ गुस्सो करबावाळा वेवे, नेईं पियावाळा, ने लड़ायाँ करबावाळा अन नेई रिप्या-कोड़ी का लालची वेवे।
मूँ थाँने हमजाऊँ हूँ के, परमेसर की मडळी ज्याँ थाँकी देक-रेक में हे वींकी रुकाळी करो। ओ काम किंकई दबाव में आन मती करो पण परमेसर की मरजीऊँ राजी वेन करो। धन का लाळच की वजेऊँ ओ काम मती करो, पण मन लगान यो काम करो।
अणा मनक का वाते यो हराप वेई अन ईं केन के जस्यान वींके गेले चाले हे अन ईं बिलाम के जस्यान धन कमावा का वाते वींके जस्यान गलती करे हे। ईं वाते जस्यान कोरह का हाते जीं मनक विरोद कररिया हा, वाँको नास वेग्यो हे वस्यानीस अणाको भी नास वेई।
मूँ यहुन्नो ज्यो थाँको भई हूँ मूँ ईसू के दुक में, धीरज में अन राज में थाँको हण्डाळ्यो हूँ। मने देस निकाळो दिदो ग्यो, जिंकी वजेऊँ मूँ पत्तमुस नाम का टापू में हूँ। काँके मूँ परमेसर का वसन अन ईसू मसी की गवई थाँने देतो हो।