2 एक मण्डली को परदान बना दोसवाळो वेणो छावे, वींके एकीस लुगई वे, खुद ने बंस में राकबावाळो, धीरज करबावाळो अन मरयादा में रेबावाळो, वो आपणाँ घर में अणजाण की भी आवभगत करे, वो हिकावाबाळा वेवे।
असेर गोत में फनुएल की बेटी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळी ही। वींको नाम हन्ना हो अन वाँ डोकरी ही। वाँ पन्याँ केड़े आपणाँ धणी का लारे खाली हात वर तईं री ही।
अस्यान का मनक ब्याव करबा ने गलत अन खाबा की कई चिजाँऊँ रका राकबा की हिक देई, पण परमेसर वणा चिजाँ ने ईं वाते बणई के, विस्वास अन हाँच ने जाणबावाळा वाँने परमेसर को धन्नेवाद देन खावे।
अन जिंको हव काम करबा में नाम मान्यो तको वे, अन ज्या आपणाँ बाळकाँ ने हव तरिया पालण किदो वे, जणी अणजाण की भी सेवा किदी वे, परमेसर का लोगाँ की आपणाँ घर में आवभगत किदी वे, दकी मनकाँ की मदत किदी वे, अन जणी खुद हाराई भला काम करबा में आपणो मन लगायो वे।
लोगाँ का माता पे आसिरवाद देबा का वाते हात मेलन वाँने परमेसर की सेवा में देबा का वाते आगत मती करज्ये। दूजाँ का पाप में भेळो मती वेज्ये, खुद ने खरो बणान राकज्ये।