“वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
आ बात हारी मण्डली के आसे आगी अन वाँकाणी परमेसर पे विस्वास राकबावाळो अन पुवितर आत्माऊँ भरियो तको इस्तीपनुस नाम को एक मनक ने, अन फिलिपुस, परखुरूस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास अन यहूदी धरम में आया तका अन्ताकियावासी नीकुलायस ने थरप लिदा।
थाँ स्तिपनूस का घराणा का बारा में तो जाणो हो के, वीं अखाया में मसी पे विस्वास करबाबाळा पेला मनक हे। वणा परबू का भगताँ की सेवा करबा का वाते काम तोक्यो हे। ईं वाते ओ विस्वासी भायाँ मूँ थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ,
थाँ ओ भी जाणो हो के, थिस्सुलुनिक्यों आबाऊँ पेल्याँ फिलिप्पी नगर में माँ दुक उटायो अन बेजत व्या, पछे भी माँने परमेसर का आड़ीऊँ अस्यान की हिम्मत मली के, थाँने हव हमच्यार हूणावाँ।
काँके परमेसर अन्यायी ने हे, के थाँका काम अन वीं परेम ने भुल जावे, ज्यो थाँ वींका नाम का वाते बतायो हे के, थाँ पुवितर लोगाँ की सेवा-चाकरी किदी अन कररिया हो।