ईसू वाँने जवाब दिदो, “मूँ थाँकाऊँ हाचेई केवूँ हूँ, यद्याँ थाँ विस्वास राको अन भेंम ने करो, तो थाँ बेस ओईस ने करो, ज्यो ईं अंजीर का रूँकड़ा का हाते किदो हे, पण यद्याँ ईं मंगराऊँ भी केवो, ‘अटूँ उड़ जा, अन समन्द में जा पड़,’ तो वो वे जाई।
जद्याँ वीं दन पूरा वेग्या तो माँ वटूँ चाल पड़या, अन वटा का हंगळा मनक अन वाँकी लुगायाँ अन छोरा-छोरी माँने नगर का बारणे तईं मेलवा आया, अन समन्द का कनारे माँ हंगळा गोडा टेकन परातना किदी।
कुरिन्तुस में परमेसर की वणा मण्डळ्याँ का नाम लिक्यो, जीं ईसू मसी में पुवितर किदी गी, ज्याँने परमेसर आपणाँ मनक बणाबा का वाते चुण्या हा, जीं हरेक जगाँ आपणाँ अन वाँका परबू ईसू मसी को नाम लेवे हे।
मूँ तो छावूँ हूँ के, हाराई मनक मारा जस्यान बना ब्याव करिया रेवे, पण हरेक मनक ने परमेसर का आड़ीऊँ एक खास वरदान मल्यो हे। हाराई ने अलग अलग तरिया को वरदान मल्यो हे।
काँके परबू का बचन थाँका नकेऊँ मकिदुनिया अन अखाया मेंईस ने हुणायो ग्यो, पण ईं वजेऊँ परमेसर पे थाँका विस्वास की चरचा हारी जगाँ में फेलगी हे। ईं वाते माँने कई केवाँ की जरुतई ने पड़ी।
आ हाँची बात हे। मूँ छावूँ हूँ के, अणी मामला में थूँ खासतोर जोर देन के, जणीऊँ परमेसर पे विस्वास करबावाळा भला काम करता रेवे। ईं बाताँ मनकाँ का वाते हव अन नफा की हे।
अस्यानीस हो मोठ्याराँ, थाँ भी थाँकी लुगायाँ का हाते हमजदारी का हाते जीवन जीवो। लुगायाँ ने कमजोर हमजन वाँको आदर करो, ओ जाणन के, आपीं दुई जीवन का वरदान में पांतीदार हा, ताँके थाँकी परातना में कुई ओट ने आवे।