15 पण लुगायाँ बाळक जणन बंचगी, अन वाँने छावे के, वीं धीरज का हाते विस्वास, परेम अन खरईपणा में गाटी रेवे।
मरियम आपणाँ पेला बेटा ने जनम दिदो अन वींने गाबा में लपेटन ठाण में मेल्यो काँके, वाँका वाते हरई में जगाँ ने ही।
अन आपणी देह में अस्या अंग हे ज्याँने आपाँने आदर ने देणो छावे, पण आपाँ वणा अंग की घणी परवा कराँ हाँ अन देह का वीं अंग ज्याँने आपाँ बताबा ने छारिया हा, वाँने आपाँ हिपाजतऊँ राका हाँ।
अन परबू मारा पे नरी दया किदी, हातेई हाते वो परेम अन विस्वास ज्यो ईसू मसी में हो, वो मने मल्यो।
मारी अणी हिक देबा का पाच्छे योईस मकसद हे के, हाराई विस्वासी परेमऊँ भर जावे, ज्यो हव मनऊँ, हुदी अंतर-आत्माऊँ अन बना छळ-कपट का विस्वासऊँ पेदा वेवे हे।
वस्यानीस मूँ लुगायाऊँ केवूँ हूँ के, हरम लाज अन धीरज का हाते हुदा-हादा गाबाऊँ खुद ने सजावे ने के फेंसी चोटी बणान होना अन मोती अन मेंगा गाबाऊँ सजावो,
या करपा आपाँने हिकावे हे के, आपीं बना भगती अन दनियादारी की मरजीऊँ फरन अणी दनियाँ में खुद पे काबू राकबावाळा, धरमी अन भगती-भावऊँ जीवन जीवा।
वाँ टेम नके हे, जद्याँ हारोई नास वे जाई। ईं वाते थाँ हमजदार बणो अन खुद ने बंस में राको, जणीऊँ थाँने परातना करबा में मदत मले।