तो पतरस वाँकी लारे परोग्यो। जद्याँ पतरस वटे पूगो, तो वे वींने ऊपरे वीं ओवरा में लेग्या जटे हारी राडी-बायाँ रोती-धोती तकी वे गाबा-छींतरा बताती तकी च्यारूँमेर भेळी वेगी, जो गाबा वे तबीता नाम की चेली बणाया हा, जद वाँ वाँके हाते ही।
आ हाँची बात हे। मूँ छावूँ हूँ के, अणी मामला में थूँ खासतोर जोर देन के, जणीऊँ परमेसर पे विस्वास करबावाळा भला काम करता रेवे। ईं बाताँ मनकाँ का वाते हव अन नफा की हे।
जद्याँ ईं हारी चिजाँ नास वेबावाळी हे तो थाँ होचो थाँने कस्यान को जीवन जीवणो छावे? थाँने पुवितर जीवन जीवणो छावे, काँके पुवितर जीवन परमेसर ने हव लागे हे।
मूँ थाँरा कामाँ ने, थाँरा परेम ने, विस्वास ने, थाँरी सेवा ने अन थाँरा धीरज ने जाणूँ हूँ, अन मूँ ओ भी जाणूँ हूँ के, अबे थूँ ईं पेल्याऊँ ज्यादा हेलो काम करे हे।