थाँ होस में आन ज्यो सई हे, वींका बारा होचो अन पाप करणो छोड़ दो। काँके थाँकामूँ नरई तो अस्या हे ज्यो परमेसर का बारा में कई ने ने जाणे हे, मूँ यो थाँकी हरम का वाते केरियो हूँ।
पेल्याँ आपाँ हारई भी वाँके जस्यान आपणाँ डील की हुगली मनसा के जस्यान दन बिताता हा, डील अन मन की मरजी पुरी करता हा अन दूजाँ लोगाँ के जस्यान परमेसर का दण्ड के जोगा हा।
हो भायाँ-बेना, माँ छावाँ हाँ के, थाँ मरिया तका विस्वासी भायाँ का पाच्छा जी उठबा का हाँच ने जाणो, जणीऊँ थाँ बना विस्वास करबावाळा के जस्यान दकी ने वेवो, ज्याँका नके आस ने हे।
एक मण्डली को परदान बना दोसवाळो वेणो छावे, वींके एकीस लुगई वे, खुद ने बंस में राकबावाळो, धीरज करबावाळो अन मरयादा में रेबावाळो, वो आपणाँ घर में अणजाण की भी आवभगत करे, वो हिकावाबाळा वेवे।
थूँ सान्तीऊँ टक्यो तको रेज्ये अन दुक भोगबा का वाते त्यार रे। हव हमच्यार को परच्यार करबा का वाते घणी मेनत कर अन थाँरी जिमेदारी ने हव तरियाऊँ पुरी करज्ये।
“हूँस्यार रेज्यो! काँके मूँ चोर की जस्यान अणाचेत को आऊँ हूँ। धन्न हे वीं ज्यो जागता रेवे हे, अन आपणाँ गाबा हमाळी राके हे, जणीऊँ वीं उगाड़ा ने रेई अन मनक वाँने नांगा ने देकी।”
ईं वाते हेंचेत वो अन अणीऊँ पेल्याँ के, थाँ पुरी तरियाँ मर जावो वणा बाताँ ने जो बची तकी हे वाँने पाकी करो, काँके में मारा परमेसर की देकणी में, थाँरा कस्याई काम ने सई कोयने देक्या हे।