ईसू वाँने क्यो, “थें खुदई के दिदो, पण मूँ थाँकाऊँ ओ भी केवूँ हूँ के, अबेऊँ थाँ मनक का पूत ने मेमावान परमेसर का जीमणा पाल्ड़े बेट्यो तको अन आकास का वादळा पे आतो तको देको।”
अन जद्याँ वे पाणीऊँ बाणे निकळ्या, तो फिलिपुस ने परबू की आत्मा लेन परोग्यो अन वो अदिकारी पछे वींने कदी ने देक सक्यो अन वो राजी वेतो तको आपणे गेले-गेले परोग्यो।
परबू का बचना का आड़ीऊँ माँ थाँने बतारिया हाँ के, आपाँ जतरा जीवता हा, बच्या तका रेवा अन परबू के पाच्छा आबा का दन तईं जतरा मरग्या हे, वणाऊँ आगे कुई ने वेई।
देको, वो वादळा का हाते आबावाळो हे अन वींने हाराई आपणी आक्याँऊँ अन वीं मनक भी जणा वींने दुक दिदो हो देकी। अन धरती का हाराई मनक वाँके वजेऊँ रोई। अस्यान पाको हे के, यो वेई, आमीन।