थाँ मारा में बण्या रेवो अन मूँ थाँकामें बण्यो रेऊँ। जस्यान डाळी यद्याँ अंगूरा की वेलड़ी में लागी ने रेवे हे तो आपणाँ खुदऊँ ने फळ सके हे। वस्यानीस थाँ मारा बना फळ ने ला सको।”
ईं वाते हो विस्वासी भायाँ विस्वास में बना आगा-पाछा व्या गाटा बण्या तका रेवो अन परबू को काम करबा वाते खुद ने त्यार राको, काँके थाँ तो जाणो हो के, परबू वाते किदो ग्यो काम बेकार ने वे जावे।
थाँ थाँको जीवन मसी का हव हमच्यार के जोगो जियो, ताँके यद्याँ मूँ आन थाँने देकूँ कन ने देकूँ पण थाँका बारा में मूँ ओ हुण सकूँ के, थाँ एक मन अन एक मकसदऊँ अटल रेन हव हमच्यार का विस्वास का वाते कल्ड़ी मेनत कररिया हो।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ पेल्याँऊँ अणा बाताँ ने जाणो हो, ईं वाते थाँ ध्यानऊँ रेज्यो, ताँके थाँ पापी मनकाँ की बाताँ में आन वाँकी बुरी चाला में ने फसन आपणाँ गाटापणा ने खोवो।
ईं वाते जणी हिक ने थाँ हूणी ही, वींने आद करो अन आपणो मन बदलो अन वीं हिक का जस्यान चाल चालो। जद्याँ थूँ अस्यान ने करी, तो मूँ चोर का जस्यान अणाचेत को थाँरा नके अई जाऊँ अन थने पतो भी ने पड़बा देऊँ।