पण, अणा हारी बाताँऊँ पेल्याँ वीं मारा नाम का पाच्छे चालबा की वजेऊँ थाँने पकड़ी अन हताई अन यहूदियाँ का परातना घर में हूँपी अन जेल में नाक देई अन राजपाल अन अदिकारियाँ का हामें ऊबा करी।
ईं वाते हो विस्वासी भायाँ विस्वास में बना आगा-पाछा व्या गाटा बण्या तका रेवो अन परबू को काम करबा वाते खुद ने त्यार राको, काँके थाँ तो जाणो हो के, परबू वाते किदो ग्यो काम बेकार ने वे जावे।
काँके मने अस्यान लागरियो हे के, परमेसर माँ खन्दाया तका ने मोत को दण्ड दिदो जा चुक्या मनकाँ का जस्यान हाराईऊँ अंत में राक्या हे, काँके आपाँ आकी दनियाँ अन हरग-दुताँ अन मनकाँ का वाते तमासो बणा हा।
ईं वाते माँ खुद ईं परमेसर की मण्डली में थाँका पे मेपणो करा हा, काँके जतरा भी दुक अन कळेस हाँ, वाँने थाँ जेल्या, ईं हारी बाताँऊँ थाँके धीरज अन विस्वास का बारा में पतो चाले हे।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।
मूँ जाणूँ हूँ के, थूँ वटे रेवे हे जटे सेतान की गाद्दी हे। अन मारा ईं नाम पे विस्वास करे हे जद्याँ के, थाँरा नगर में मारो विस्वास जोगो दास अन्तिपास वटे मारिया ग्यो, जटे सेतान की जगाँ हे। तो भी थूँ विस्वासऊँ ने छेटी व्यो।