ईं वाते थाँकाऊँ छेटी रेतो तका भी मूँ ईं बाताँ थाँका वाते लिकरियो हूँ जणीऊँ की जद्याँ मूँ थाँका नके आऊँ तो मने परबू का दिदा तका हक ने कल्डा रूप में काम ने लेणो पड़े। यो हक थाँने नाकबा का वाते ने हे, पण थाँने बणाबा का वाते हे।
अन माँ खुद को परच्यार ने कराँ हाँ पण परबू का रूप में ईसू मसी को परच्यार कराँ हाँ अन माँ माकाँ बारा में तो अस्यान केवाँ हाँ के, माँ ईसू का मस थाँका दास हाँ।
कई अणीऊँ थाँने अस्यान लागे हे के, मूँ मनकाँ ने मानूँ हूँ कन यो के मूँ परमेसर ने मानूँ हूँ? कई मूँ मनकाँ खुस करणो छावूँ हूँ? यद्याँ मूँ अबाणू तई मनकाँ ने खुस करबा को काम करतो रेतो, तो मूँ मसी को दास ने वाजतो।
काँके वीं ज्याको खतनो वेग्यो हे वीं खुद तो मूसा का नेमा को पालण ने करे हे, पछे भी वीं छावे हे के, थाँ भी खतनो करावो, ताँके थाँके अणी देह का रिवाज मानबा पे वीं मेपणो कर सके।
हो भायाँ-बेना, थाँ माँकी मेनत अन दुक ने आद राको हो ज्यो थाँका बचमें व्यो हो अन माँ रात-दन काम धन्धो करन थाँने परमेसर को हव हमच्यार हुणायो जणीऊँ थाँका पे कई बोज ने पड़े।
एक परदान का रूप में जतरा भी मोतबीर मनक हव काम करे हे, वीं दुणा आदर-मान के जस्यान हमज्या जावे, खास तरियाऊँ वीं ज्यो परच्यार अन हिकाबा में घणी मेनत करे हे।