“हे यरूसलेम, हे यरूसलेम! थूँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की हत्या करे हे, अन ज्याँने थाँरा नके खन्दाया ग्या, वाँके थूँ भाटा की ठोके हे। कतरी दाण में बच्यार किदो के, जस्यान कूकड़ी आपणाँ बच्या ने आपणाँ फाकड़ा रेटे भेळा करे हे, वस्यानीस मूँ भी थाँरा छोरा-छोरी ने भेळा करूँ, पण थाँ ओ ने छायो।
तद्याँ थाँ राजी वेज्यो अन आणन्द मनाज्यो, काँके हरग में थाँने ईंको फळ मली। यो वस्यानीस हे जस्यान थाँकाऊँ पेल्याँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा लोगाँ ने हताया हा।
ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।
अस्यो एक भी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो हो कई, जिंने थाँका बड़ाबा ने हतायो? वाँकाणी तो वाँने भी मार नाक्या, ज्याँकाणी नरई दनाँ पेल्याँईं वीं धरमी के आबा की घोसणा कर दिदी ही, जिंने अबे थाँकाणी छळ करन पकड़वा दिदो अन मार दिदो।
नरी दाण तो मूँ लम्बी जातरा पे ग्यो, नरी दाण खतरनाक नन्दयाँ, जबरा डाकूँऊँ, खुद का लोगाऊँ, ज्यो यहूदी ने हा वाकाँऊँ खतरा को सामनो किदो, नरी दाण नगरा में, समन्द में, काकड़ में, दिकावटी भायाँऊँ खतरा को सामनो किदो।