पण जिंने हमेस्यान बण्या रेबावाळा परमेसर की आग्याऊँ परमेसर की आड़ीऊँ बोलबावाळा का लेकाँ का जरिये ज्यो यहूदी ने हे, वाँ हाराई मनकाँ में परगट करन बता दिदो ग्यो हे जणीऊँ वीं विस्वास करन आग्या माने।
ईं वाते हो विस्वासी भायाँ विस्वास में बना आगा-पाछा व्या गाटा बण्या तका रेवो अन परबू को काम करबा वाते खुद ने त्यार राको, काँके थाँ तो जाणो हो के, परबू वाते किदो ग्यो काम बेकार ने वे जावे।
परमेसर का बचनाँ को वोपार करबावाळा नरई मनक हे वीं आपणो नफो छावे हे पण माँ अस्यान ने हाँ। माँ तो परमेसर का आड़ीऊँ खन्दाया तका मनक का जस्यान मसी ने हाते लेन, हाँचऊँ बोला हाँ।
पण हो भायाँ, थाँने तो परमेसर आजाद वेवा के वाते बलाया हे, पण अणी आजादी ने थाँ आपणाँ सरीर का कामाँ ने पूरा करबा का वाते काम में मती लावो, पण परेम-भावऊँ एक दूजाँ की सेवा करो।
तिमुती थाँका नकेऊँ पाछो आन ज्यो मने थाँका विस्वास अन परेम को हमच्यार हुणायो अन ओ भी बतायो के, थाँ हमेस्यान माँने परेम का हाते आद करो हो अन जस्यान मारो मन थाँने देकबा ने करे हे वस्यानीस थाँको मन भी करे हे।
ईं वाते, माँ थाँका वाते हमेस्यान परातना करा हाँ के, आपणाँ परमेसर थाँने जुग-जुग के जीवन का जोगा बणावे, जणी वाते थाँने वणा बलाया हे। अन भलई की हरेक मरजी अन विस्वास का हरेक काम ने सामरत का हाते पूरा करो।
हो भायाँ-बेना, थाँका वाते माँने परमेसर ने धन्नेवाद देतो रेणो छावे अन ओ सई भी हे, काँके थाँको विस्वास घणो बड़तो जारियो हे, अन थाँको हाराई को परेम एक-दूँजा में घणो फल-फुलरियो हे।
विस्वास की वजेऊँ जद्याँ परमेसर अबराम की परक कररिया हा, तद्याँ वणी इसाक की बली चड़बा की पुरी त्यारी कर लिदी। जद्याँ के परमेसर वणीऊँ क्यो हो के, “इसाकऊँ थाँरो बंस आगे बड़ी।” ईंका केड़े भी अबराम जिंने वादो मल्यो हो, वो आपणाँ एकलोता बेटी की बली देबा का वाते त्यार वेग्यो।
पण थाँ थाँको मयने का मन ने परबू का वसनऊँ जो सान्ती अन हुदा भावऊँ भरियो तको हे, वणीऊँस खुद ने सजाज्यो, काँके अस्यान को सजणो-धजणो परमेसर का हामे घणो हव हे।
मूँ थाँरा कामाँ ने, थाँरा परेम ने, विस्वास ने, थाँरी सेवा ने अन थाँरा धीरज ने जाणूँ हूँ, अन मूँ ओ भी जाणूँ हूँ के, अबे थूँ ईं पेल्याऊँ ज्यादा हेलो काम करे हे।