“हो कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थें तो प्याला अन थाळयाँ ने उपरे-उपरेऊँ तो मांजो हो पण वीं मयनेऊँ कपट अन हवारतऊँ भरी तकी हे।
अन थोड़ाक दन केड़े नानक्यो बेटो आपणी पांती को धन-दोलत ज्यो हो वींने भेळो करन नरई छेटी का देस में परोग्यो अन वटे बुरा कामाँ में आपणी हारी धन-दोलत ने उड़ा दी।
पण जद्याँ वीं विरोद करबा अन रिस्याँ बळवा लागा, तो पोलुस आपणाँ गाबा जाटकन वाँकाऊँ क्यो, “यद्याँ थाँ अबे नास वेवो तो, याँ जिमेदारी थाँकीस हे अन ईंका वाते मूँ जिमेदार ने हूँ। अबे मूँ जो यहूदी ने हे वाँका नके जाऊँ।”
तो काँ ने आपाँ भी वणी तरियाऊँ रेवा, जस्यान मनक दन का उजिता में रेवे हे। ने तो खा-पीन धुत रेबावाळा का जस्यान, ने कुकरम, लुचापणा करबावाळा की तरियाँ अन ने लड़बावाळा का जस्यान अन ने रिस्याँ बळबावाळा का जस्यान।
पण ईं मनक जनावर के जस्यान हे, ज्याको जनम ईं वाते व्यो हे के, वीं पकड़्या जावे अन मारिया जावे। ईं मनक जीं बाताँ का बारा में जाणेई कोयने वाँके बारा में दूजाँ ने भलो-बुरो केवे हे। ईं वाते जस्यान जनावर मारिया जावे हे वस्यानीस ईं मनक भी मारिया जाई।
वाँके हाते तो वस्यानीस घटी जाई जस्यान के, वणा हाँची केवता में क्यो ग्या हो के “गण्डकड़ो आपणी उल्टी का नकेईस पाछो आवे हे” अन “अस्यानीस हापड़्यो तको हूर पाच्छा कादा में लोटबा का वाते कादा में जावे हे।”
पण ईं मनक तो जणा बाताँ का बारा में जाणी कोयने वाँका बारा में भलो-बुरो केवे हे। ईं तो बना हमजवाळा जनावराँ का जस्यान हे, जीं आपणी मरजी का जस्यान करे हे। अस्यान करन ईं खुद को नास कररिया हे।