माँ आ बात मेपणोऊँ अन साप हरदाऊँ के सका हाँ के, माँ ईं दनियाँ का हाते अन खासतोरऊँ थाँका हाते परमेसर की दया के जस्यान चाल्या हा अन हव तरियाऊँ अन हाँच का हाते चाल्या हा ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ मले हे ईं दनियाँ की अकलऊँ ने मले हे।
आपाँ वणा काम ने जणीऊँ हरम आवे हे, वाँने कोयने कराँ हाँ। अन ने आपाँ कपट राका हाँ अन नेई आपाँ परमेसर का बचन में गाल-गसोळ करा हाँ। पण आपाँ तो हाँच ने खुला रूपऊँ लोगाँ का हामे बतावा हाँ अन परबू का हामे खुद खरा बणा हाँ।
आ बात हाँची हे तो मसी को लुई कतरो जोरावर वेई? जणी अनंत आत्माऊँ खुद ने निरदोस बली का रूप में हमेस्या वाते परमेसर के चड़ा दिदो। वींके अस्यान करबाऊँ अन वींके लुईऊँ आपाँने मोत का आड़ीऊँ लेन जाबावाळा करमाऊँ आपणाँ मन सुद कर करी, ताँके आपाँ जीवता परमेसर की सेवा कर सका।
वो पाणी भी बतिस्मा का जस्यान हे, जणीऊँ अबे थाँ बंचाया जावो हो। अणी बतिस्मा को मतलब यो कोयने के, देह को मेल धोयो जावे, पण मन ने पुवितर करन खुद ने परमेसर का आड़ी फेरणो वेवे हे, काँके ईसू मसी मरिया तका मेंऊँ पाच्छा जीवता किदा ग्या हा।