पण थाँ आपणाँ दसमणाऊँ परेम राको अन भलई करो, अन पाच्छा पाबा की आस ने राकन उदार दो, तद्याँ थाँने मोटो ईनाम मली अन थाँ परबू परमेसर की ओलाद केवावो, काँके परमेसर आग्या ने मानबावाळा अन पापी मनकाँ पे भी दया करे हे।
अन मसीऊँ मली तकी सान्ती ने थाँका हरदा में राज करबा दो। परमेसर थाँने एक हाते एकीस देह में अणीस सान्ती में रेवा का वाते बलाया हे। अन हरदाण परमेसर को धन्नेवाद करता रेवो।
काँके परबू की आक्याँ खरा मनकाँ पे लागी रेवे हे, अन वींका कान वाँकी परातना हुणबा का वाते वाँके आड़ी लाग्या रेवे हे, पण परबू वाँ मनकाँ का विरोद रेवे हे जो बुरई करे हे।”