24 वीं आपणाँ पापाँ ने खुद की देह पे लेन हूळी पे चड़ग्या, ताँके आपाँ पाप का वाते मरन धारमिकता का वाते जीवन जीवाँ, वींके मार खाबा के वजेऊँ थाँ हव व्या हो।
काँके मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, यद्याँ थाँकी धारमिकता मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ की भगतीऊँ मोटी ने वेई, तो थाँ हरग का राज में कदी ने जा सको।”
“परमेसर की आत्मा मारा ऊपरे हे। काँके वणा मने गरीब मनकाँ ने हव हमच्यार हूँणबा का वाते चुण्यो हे। वणीस मने खन्दायो हे के, मूँ केदयाँ ने छुड़ाबा को अन आन्दा ने देकबा का सन्देस को परच्यार करूँ अन दब्या तका मनकाँ ने ऊँसा उठऊँ।
थाँका देह का अंग ने अधरम का सादन वेबा वाते पाप का हाताँ में मती दिज्यो, पण मरिया तका मेंऊँ जी उटबावाळा के जस्यान परमेसर का हाताँ में दिज्यो। अन थाँकी देह का अंगा ने धारमिकता का सादन वेबा वाते परमेसर ने हूँप दो।
कई थाँने ओ ने पतो कई, जद्याँ थाँ किंका हाताँ में खुद ने दास का जस्यान हूँपो हो, तो थाँ वाँकी आग्या मानबा का वाते वाँका दास हो। तो पछे पलई थाँ पाप का दास बणो ज्यो मोत का आड़ी ले जावे हे अन पलई आग्या मानबावाळा बणो, ज्याँ थाँने धारमिकता का आड़ी लेजाई।
पण अबे थाँने पापऊँ छुटकारो मलग्यो ग्यो हे अन परमेसर का दास बणा दिदा ग्या हो, तो ज्या खेती थाँ करिया हो, वाँ थाँने परमेसर का आड़ी खरईपणा में लेजाई। जिंको आकरी फळ अनंत जीवन हे।
पण अबे आपाँने नेमाऊँ छुटकारो मलग्यो हे। काँके जणा नेमा को आपणाँ पे हक हो, वींका वाते आपाँ मरग्या हा। ताँके पुराणा लिक्या तका नेमाऊँ ने, पण आत्मा की नुवी रितऊँ परमेसर की सेवा करा।
वस्यान मसी भी एक दाणइस नरई का पापाँ ने छेटी करबा का वाते बलीदान व्यो हे। वो अबे पापाँ ने छेटी करबा का वाते ने, पण ज्यो वींकी वाट नाळरिया हे वाँका छूटकारा का वाते दूजी दाण परगट वेई।
ईं वाते थाँ एक दूजाँ का हामे खुद का पाप ने मानलो अन एक दूजाँ का वाते परातना करता रेवो, जणीऊँ थाँ हव वे जावो। धरमी मनक की परातना घणी जोरवार अन असर करबाळी वेवे हे।
अन नंदी का ईं पाल्डे अन पेला पाल्डे, जीवन को रूँकड़ो हो, वींमें बारा तरिया का फळ लागता हा। अन वो हरेक मिने फळतो हो। वीं रूँकड़ा का पान्दड़ाऊँ हारी जात्या जात्या का मनक हव वेता हा।