23 जद्याँ वाँकी बेजती किदी गी, तो भी वणा किंकीई बेजती ने किदी। जद्याँ वीं दुक जेलरिया हा, तो भी वणा किंने भी धमकी ने दिदी, पण वणा आपणाँ खुद ने हाँचा न्याव करबावाळा परमेसर ने हूँप दिदा।
काँके वणी एक दन ठेरायो हे, वीं आपणाँ थरप्या तकाऊँ वो धरती का हंगळा मनकाँ को हाँचऊँ न्याव केरी, अन वणी मरिया तका मूँ पाछो जीवतो वेन हंगळा मनकाँ में आ बात पाकी कर दिदी हे।
पण थाँ आपणाँ गाटा अन कदी पछतावो ने करबावाळा मन के वजेऊँ परमेसर का गुस्सा ने आपणाँ वाते त्यार कररिया हो। वो गुस्सो थाँरा पे वीं दन पड़ी जदी परमेसर को हाँचो न्याव परगट वेई।
अन अबे वटे परमेसर का हाते जीत को ईनाम मारी वाट नाळरियो हे, जिंने धरमी अन खरा न्याव करबावाळा परबू आकरी दन में मने देई। मने एकला नेईस ने, पण वाँ हाराई ने भी ज्यो परेम का हाते वींके परगट वेबा की वाट नाळे हे।
ईं वाते वींका आड़ी चेतो देता रो, काँके वणी वींका खिलाप में किदा ग्यो, पाप्याँ को विरोद ने ईं वाते सेण किदो, ताँके आपीं चन्ता ने कराँ अन थाकन हिम्मत ने छोड़ा।
तद्याँ में हरग ने खुल्यो देक्यो अन वटे कई देकूँ हूँ के, एक धोळो घोड़ा हे। अन वींके ऊपरे ज्या सवार हे वो विस्वास जोगो अन हाँचो हे, काँके वो हाँच का हाते न्याव को फेसलो अन लड़ई करतो हो।