7 यो ईं वाते व्यो, ताँके थाँको यो विस्वास ज्यो वादी में पाक्या तका होनाऊँ भी मुगो हे, जद्याँ परबू ईसू मसी आई, तो ईं विस्वास का वजेऊँ थाँने परमेसर का आड़ीऊँ बड़ई, मेमा अन मान मली।
ईसू वाँने क्यो, “मूँ थाँकाऊँ हाचेई केवूँ हूँ के, नुवा युग में जद्याँ मनक को पूत आपणी मेमा की गाद्दी पे विराजी, तो थाँ भी ज्यो मारा पाच्छे वेग्या हो, बारा गाद्याँ पे बेटन इजराएल की बाराई कोमाँ को न्याव करो।
“वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
ईं वाते आपणी धन-दोलत ने बेचन दान कर दो अन आपणाँ वाते अस्या खुल्या वणावो, जी जूना ने वेवे हे। हरग में अस्यो धन भेळो करो, ज्यो ने घटे अन नेई कुई वींको नकसाण कर सके हे अन नेई वटे कुई चोर जा सके हे अन ने वटे किड़ा लागे हे।
पण हाँचो यहूदी वोईस हे, ज्यो मन में हे, अन हाँचो खतनो वोईस हे, ज्यो आत्माऊँ मन को खतनो हे, ने के, लिक्या तका नेमा को। अस्या मनकाँ की बड़ई मनकाँऊँ ने पण परमेसर का आड़ीऊँ वेवे हे।
ईं वाते जद्याँ तईं परबू ने आवे वणीऊँ पेल्याँ किंको भी न्याव मती करो। वीं तो अदंकार में हपी तकी बाताँ ने भी उजिता में दिकाई अन मना की बाताँ भी हामे लाई अन वणी दाण परमेसर का आड़ीऊँ हरेक की बड़ई वेई।
थाँ जो वींपे विस्वास करो हो वो थाँका वाते तो बनामोल को हे, पण जो वींपे विस्वास ने करे वाँके वाते, “वोईस भाटो, जिंने राज कारीगर बेकार मान्यो हे वोईस खुणा को खास भाटो बणग्यो।”
अबे मूँ वाँने जो थाँका मयने परदान मान्याँ जावे हे, वाँकाऊँ परातना करूँ हूँ, मूँ खुद एक दानो परदान हूँ अन जो दुक मसी जेल्यो हो वींको मूँ गवा हूँ अन आबावाळी मेमा को मूँ भागी हूँ।
मूँ समोन जिंको नाम पतरस भी हे, ज्यो परबू ईसू मसी को दास अन थरप्यो तको चेलो हे, मूँ ओ कागद वाँ मनकाँ का नाम लिकरियो हूँ, जीं आपणाँ परमेसर अन छुटकारो देबावाळो ईसू की धारमिकता के वजेऊँ आपणे जस्यानीस विस्वास करे हे।
ईं वाते हो मारा लाड़ला भायाँ, थाँ अणा बाताँ की वाट नाळरिया हो, ईं वाते थाँ पुरी कोसीस करो के, परमेसर की नजरा में खरा, बना दोस का अन सान्तीऊँ रेबावाळो केवावो।
देको, वो वादळा का हाते आबावाळो हे अन वींने हाराई आपणी आक्याँऊँ अन वीं मनक भी जणा वींने दुक दिदो हो देकी। अन धरती का हाराई मनक वाँके वजेऊँ रोई। अस्यान पाको हे के, यो वेई, आमीन।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।