ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।
ईसू मसी की मोत पे विस्वास करबाऊँ पापाँ की मापी पाबा का वाते परमेसर ईसू मसी ने एक बलीदान का रूप में दे दिदो, ईं तरियाँ परमेसर आपणी धारमिकताने परगट किदी, काँके परमेसर समता खान मनकाँ का पेल्याँ का पापाँ को दण्ड ने दिदो अन छोड़ दिदा हा।
कुई ने नट सके के, आपणाँ धरम को भेद कस्यो मोटा हे, वो ज्यो मनक का रूप में परगट व्यो, पुवितर आत्मा जिंने धरमी बतायो, अन हरग-दुत जिंने देक्यो, देसा देसा में वींको परच्यार करियो ग्यो, दनियाँ में वींपे विस्वास करियो ग्यो, अन मेमावान हरग में उठा लिदो ग्यो।
यद्याँ अस्यान वेतो तो दनियाँ का रचनाऊँ लेन वींने आकोदाण दुक जेलणो पड़तो, पण अबे जुग का अन्त में वो एकीस दाण परगट व्यो हे, ताँके आपणाँ बलीदानऊँ पाप ने छेटी कर दे।
वीं जीवन को ग्यान आपाँने करायो ग्यो। आपाँ वींने देक्यो। आपीं वींका गवा हा अन अबे थाँने भी वींके बारा में बतावा हाँ, ज्यो बापू परमेसर का हाते हे अन आपाँ पे परगट व्यो हो।
ज्यो भी मनक पाप करतो रेवे हे, वो सेतान को हे, काँके सेतान सरुआतऊँ पाप करतो आयो हे। ईं वाते तो परमेसर को बेटो परगट व्यो, ताँके वो सेतान का कामाँ ने नास कर देवे।
जणा मनकाँ को नाम वीं उन्याँ की जीवन की किताब में ने लिक्यो तको हो, वीं हाराई वी डरावणा जनावर के धोक लागी। अन यो उन्यो ज्यो ईं दनियाँ की सरुआतऊँ बली वेबा का वाते ते किदो ग्यो हो।