हो मारा प्यारा बाळकाँ, थाँ परमेसर का हो। ईं वाते थाँ जूटा परमेसर की आड़ीऊँ बोलबावाळाऊँ जितग्या हो। काँके थाँका मयने वो परमेसर वास करे हे वीं ईं दनियाँ में रेबावाळा सेतानऊँ जोरावर हे।
ईंका केड़े मने काँस का जस्यान को समन्द नजर आयो वो अस्यान दिक्यो हो जस्यान के, वींके मयने वादी वेवे। जी मनक वीं डरावणा जनावर की मूरती अन वींका नाम का नम्बरऊँ जितग्या हा, वाँने वीं काँस का समन्द पे ऊबा तका देक्यो। वणा का नके परमेसर का आड़ीऊँ दिदी तकी रणभेरी ही।
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी जिती, मूँ वाँने हरग में हपायो तको मन्नो देऊँ। मूँ वाँने एक धोळो भाटो भी देऊँ, जिंका ऊपरे एक नुवो नाम लिक्यो तको वेई। वो नाम वीं मनक का छोड़न कुई ने जाणी, जिंने वो दिदो जाई।
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी बुरईऊँ जिती मूँ वींने परमेसर का बाग में जीवन का रूँकड़ा का लाग्या तका फळ खाबा को हक देऊँ।
ज्यो भी जिती वींने मूँ परमेसर का मन्दर को थम्बो बणाऊँ। अन वींके केड़े, वो कदी बारणे ने जाई। मूँ वींपे मारा परमेसर को नाम लिकूँ। मूँ वींपे नुवो यरूसलेम को नाम लिकूँ, जो परमेसर का हरगऊँ उतरबावाळो हे। मूँ वींपे मारो नुवो नाम भी लिकूँ।
ज्यो भी जिती, वीं अस्याईस धोळा गाबा पेरी। मूँ जीवन की किताब मेंऊँ वाँका नामने ने वगाड़ूँ, पण वाँका नाम ने बापू परमेसर अन वींका हरग दुताँ का हामे मान लेऊँ के, ईं मारा हे।