2 आपाँ कस्यान जाण सका हाँ के, आत्मा परमेसर का आड़ीऊँ हे के कोयने? ज्या भी आत्मा आ केवे हे के, “ईसू मसी मनक का रूप में ईं धरती पे आयो।” वाँ आत्मा परमेसर का आड़ीऊँ हे।
ईं वाते मूँ थाँने बतारियो हूँ के, ज्यो कुई परमेसर की आत्मा का आड़ीऊँ बोलबावाळा कुई भी ओ ने केवे के, “ईसू ने हराप लागे” अन ने कुई बना पुवितर आत्माऊँ के सके के, “ईसूइस परबू हे।”
कुई ने नट सके के, आपणाँ धरम को भेद कस्यो मोटा हे, वो ज्यो मनक का रूप में परगट व्यो, पुवितर आत्मा जिंने धरमी बतायो, अन हरग-दुत जिंने देक्यो, देसा देसा में वींको परच्यार करियो ग्यो, दनियाँ में वींपे विस्वास करियो ग्यो, अन मेमावान हरग में उठा लिदो ग्यो।
वीं जीवन को ग्यान आपाँने करायो ग्यो। आपाँ वींने देक्यो। आपीं वींका गवा हा अन अबे थाँने भी वींके बारा में बतावा हाँ, ज्यो बापू परमेसर का हाते हे अन आपाँ पे परगट व्यो हो।
अन ज्यो भी आत्मा ईसू का बारा में ईं बात ने कोयने माने, वो परमेसर का आड़ीऊँ ने हे। वो मसी को दसमण हे, जिंका बारामें में थाँ पेल्याँ भी हूणी लिदो हो के, वो आबावाळो हे, अबे तो ईं दनियाँ में भी हे।
ईं दनियाँ में नरई भटकाबावाळा मनक हे। अन ज्यो भी मनक ईं बात ने, ने माने के, ईसू मसी ईं धरती पे मनक का रूप में आया। अस्या मनक धोको देबावाळा अन मसी का दसमण हे।