17 अणीऊँ आपाँ में परेम पाको व्यो, ताँके न्याव का दन आपीं विस्वास में बण्या रेवा, काँके आपाँ दनियाँ में वस्यानीस जीवन जीवाँ हाँ, जस्यान को मसी जीवन जियो हो।
चेला ने गरू का बराबर वेवा में अन हाळी ने मालिक का बराबर वेवा मेंईस संतोक करणो छावे। यद्याँ वीं घर का मालिक ने बालजेबूल केवे, तो वाँका घर का लोगाँ ने ओरी हेलो बुरो काँ ने केई?
ज्यो बाताँ में थाँकाऊँ किदी ही के, दास आपणाँ मालिकऊँ मोटो ने वेवे हे। वाँने आद राकज्यो। यद्याँ वणा मने हतायो हे, तो थाँने भी हताई। यद्याँ वणा मारी बाताँ मानी, तो थाँकी भी मानी।
पण आज जा धरती अन आकास आपाँ देकाँ हा, वींके आग्या का वजेऊँ वादीऊँ नास वेबा वाते ठमी तकी हे। ईंने वीं टेम का वाते ठाम मेली हे, जद्याँ तईं पापी मनकाँ को न्याव ने जावे अन वाँको नास ने कर दिदो जावे।
पण ज्यो भी मनक परमेसर का बचना ने माने हे, तद्याँ वींका में परमेसर को परेम रेवे हे, काँके योईस एक गेलो हे, जणीऊँ आपाँ परमेसर में कल्डा बण्या तका रे सका हा।