10 हाँचो परेम ओ ने हे के, आपाँ परमेसरऊँ परेम किदो, पण वो ओ हे के, परमेसर आपाऊँ परेम किदो अन आपणाँ पाप धोवा का वाते आपणाँ बेटा ने बलीदान वेवा का वाते खन्दा दिदो।
थाँ मने ने चुण्यो पण में थाँने चुण्या हे अन थाँने ठेराया हे के, थाँ अस्या फळ-फळो जीं हमेस्या बण्या रेवे। तद्याँ थाँ मारा नामऊँ ज्यो कई बापऊँ मांगो, वो थाँने दे।
जीवन की रोटी जा हरगऊँ उतरी हे वाँ मूँईस हूँ। यद्याँ कुई अणी रोटी ने खाई, तो वीं हमेस्यान जीवता रेई अन ज्या रोटी मूँ दनियाँ का जीवन का वाते देवूँ, वाँ मारी देह हे। अणीऊँस दनियाँ का मनक जीवता रेवे हे।”
ईं वाते वींने हरेक बात में मनकाँ का जस्यानीस बणायो ग्यो हो, जणीऊँ वो परमेसर की सेवा करबा का वाते दया करबावाळो अन विस्वास जोगो मायाजक बणे। ताँके मनकाँ का पापाँ का मापी वाते बली हो सके।
काँके मसी भी आपणाँ पापाँ का वाते दुक जेल्यो हो। ईंको मतलब ओ हे के, वो निरदोस हो तो भी वो आपणाँ पाप का वाते एक दाण मरग्यो, जणीऊँ वो आपाँने परमेसर का नके ले जावे। वो देह का रूप में तो मरग्यो, पण आत्मिक रूप में जिवायो ग्यो हे।