“ईं वाते ज्यो कुई अणा फोरीऊँ फोरी आग्या मेंऊँ कणी एक ने भी तोड़े अन वस्यानई मनकाँ ने हिकावे तो वींको हरग का राज में मान ने वेई, पण ज्यो कुई अणा आग्या को पालण करी अन वाँने हिकाई तो वो हरग का राज में मान पाई।
मने आ भी दरपणी लागे हे के, जद्याँ मूँ थाँकाऊँ मलबा आऊँ तो थाँका हामे मारो परमेसर मने हरमा ने मारे। मने वाँका वाते ज्यो पेल्याँ पाप किदो हो जस्यान कुकरम, हूगळोपणो अन भोग-विलास में जीव जियो हो अन आ बाताँ ने करबा का केड़े भी वीं आपणाँ मन ने ने फेरिया, वाँ वाते रोणो ने पड़े।