काँके जूटा मसी अन जूटा मनक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा आई। वे अस्या अस्या गजब का परच्या बतई अन अस्या अचम्बा में नाकबा का काम करी के, वे सके तो वे परमेसर का चुण्या तका लोगाँ ने भी डापा में नाक देई।
कुई मनक दया को दिकावो करन हरग-दुताँ की पुजा करन थाँने थाँका फळऊँ छेटी ने कर दे। अस्यान मनक देकी तकी बाताँ में लाग्या तका रेवे, अन आपणी दनियादारी की हमज ने बेकार में फुलावे अन बड़ावे हे।
हूँस्यार रेज्यो, कुई थाँने अकलऊँ अन धोकाऊँ आपणाँ गुलाम ने बणा ले, ज्यो मनकाँ का रिति-रिवाजऊँ अन दनियाँ की बाताँ के जस्यान तो हे, पण ईसू मसी के जस्यान कोयने।
पुवितर आत्मा सई तरियाऊँ बोले हे के, थोड़ाक टेम का केड़े थोड़ाक मनक विस्वास करणो छोड़ देई, वीं भटकाबाळी आत्मा की जूटी हिक ने मानी अन जूटी आत्मा का क्या में रेई।
ईं दनियाँ में नरई भटकाबावाळा मनक हे। अन ज्यो भी मनक ईं बात ने, ने माने के, ईसू मसी ईं धरती पे मनक का रूप में आया। अस्या मनक धोको देबावाळा अन मसी का दसमण हे।