21 कई थाँने अस्यान लाग के, मूँ ओ कागद ईं वाते लिकूँ हूँ के, थाँ हाँच ने, ने जाणो? पण थाँ तो हाँच ने जाणो हो अन यो भी जाणो हो के, हाँच में जूट ने वेवे हे।
पिलातुस वींने क्यो, “तो कई थूँ राजा हे?” ईसू वींने क्यो, “थूँ केवे हे के, मूँ राजा हूँ। में ईं वाते जनम लिदो अन ईं वाते दनियाँ में आयो हूँ के, हाँच की गवई दूँ अन ज्यो कुई हाँचो हे, वो मारो बचन हुणे हे।”
थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।
ईं वजेऊँ आपाँ ओ जाण सका हाँ के, आपाँ हाँच मानाँ हाँ अन जद्याँ परमेसर का हामे जावा, तो आपणाँ मन में हिम्मत बड़ा सका। अन जद्याँ आपाँ परमेसर का हामे जावा तो आपाँने हरमा ने मरणो पड़े।