“कुई भी मनक एक लारे दो मालिकाँ की सेवा ने कर सके हे, काँके वो एकऊँ दसमणी अन दूजाऊँ लाड़ राकी कन एकऊँ मल्यो रेई अन दूजाँ ने बेकार जाणी। थाँ परमेसर अन धन-दोलत दुयाँ की सेवा एक हाते ने कर सको हो।
कस्योई दास दो मालिकाँ की सेवा ने कर सके हे। काँके वो तो एकऊँ वेर राकी अन दूजाऊँ परेम राकी कन पछे एकऊँ मल्यो तको रेई अन दूजाँ ने बेकार जाणी। थाँ परमेसर अन धन, अणा दुयाँ की सेवा एक हाते ने कर सको हो।”
यद्याँ थाँ दनियाँ का वेता, तो दनियाँ थाँकाऊँ परेम राकती। पण ईं वाते के, थाँ दनियाँ का ने हो पण में थाँने दनियाँ मेंऊँ चुण लिदा हे ईं वाते दनियाँ थाँकाऊँ दसमणी राके हे।
अबे ओर ईं दनियाँ का गेला पे मती चालो, पण थाँका मना ने नवा करन खुद ने बदल लेवो, जणीऊँ थाँ परमेसर की मरजी ने परको अणजाण सको हे, मतलब ज्यो हव अन ज्यो वींने भावे हे अन ज्यो सिद हे।
कई अणीऊँ थाँने अस्यान लागे हे के, मूँ मनकाँ ने मानूँ हूँ कन यो के मूँ परमेसर ने मानूँ हूँ? कई मूँ मनकाँ खुस करणो छावूँ हूँ? यद्याँ मूँ अबाणू तई मनकाँ ने खुस करबा को काम करतो रेतो, तो मूँ मसी को दास ने वाजतो।
थाँ पेल्याँ दनियाँ का हूँगला नेमा पे चालता हा। अन वीं वादळा की आत्मिक सगत्याँ का राजा ने मानता हा, ज्यो आत्मा लोगाँ ने अबे परमेसर को मान ने करबा का वाते मजबूर करती ही।
हो कुकरमी लोगाँ, कई थाँ ओ ने जाणो हो के, ईं दनियाऊँ भईच्यारो राकणो परमेसरऊँ दसमणी राकणी वेवे हे? ईं वाते जो दनियाऊँ भईच्यारो राके हे, वो खुद ने परमेसर को दसमण बणावे हे।
अगर थाँकामूँ किंने कणी चीज की जरूत वेवे अन थाँकापाँ वाँ चीज वेता तकाँ भी थाँ वींकी मदत ने करो। तो आपाँ कस्यान के सका हाँ के, आपाँ में परमेसर को परेम हे।