1 आपाँ वणी जीवन का बचन की बात करा हाँ, ज्यो किंकी भी रचना वेबाऊँ पेल्याई हो, आपाँ ईंने हुण्यो, आपणी आक्याँऊँ देक्यो, ईंपे ध्यान लगायो, अन आपाँ खुद वींके हात अड़ायो।
वो हूळी पे दक भोगन मरिया केड़े पाका सबूत का हाते नरी दाण परगट व्यो, वो जीवतो हे। अन चाळी दनाँ तईं चेला वींने देक्यो अन वो वाँने परमेसर का राज का बारा में बतातो रियो।
अवाज में अस्यान हमच्यार आरियो हो के, “जो कई भी थूँ देकरियो हे, वींने एक किताब का मयने लिकतो जा अन वींके केड़े वींने इपिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलोदेलफीया अन लिदिकिया की हातई मण्डळ्याँ ने खन्दा दिज्ये।”