तद्याँ पतरस ईसू का नके आन पूँछ्यो, “हो परबू जी, यद्याँ मारो विस्वासी भई मारा विरोद में कई अपराद करतो रेवे, तो मूँ कतरी दाण वींने माप करूँ? कई हात दाण तई?”
“पण ज्यो कुई अणा फोरामूँ फोरा ने, ज्यो मारा पे विस्वास करे हे वाँका मूँ एक ने भी ठोकर खवाड़ी, वाँका वाते ओ वेतो के, मोटी घट्टी को पाट वाँका गळा में लटकायो जातो, अन ऊण्डा समन्द में नाक्यो जातो।
पण ज्यो कुई ईं फोरामूँ कणी एक ने ज्यो मारा पे विस्वास राके हे, वींने पाप का गेला में लेजाई तो वींका वाते यो हव हे के, वाँकी गेंटी में एक गाणी को पाट बाँदन समन्द में फेंक देणो छावे।