वीं खाणा वाते मेनत मती करो, ज्यो वासी जावे हे। पण वीं खाणा का वाते मेनत करो, ज्यो अनंत जीवन का वाते हे। अन यो खाणो मनक को पूत थाँने देई, काँके परमेसर वींने यो अदिकार दिदो हे।”
जद्याँ थाँके खाबाऊँ कणी विस्वासी भई ने ठेस लागे हे, तो थाँ हाँची में परेम को वेवार ने कररिया हो। तो थाँ खाबाऊँ वींको नास मती करो, काँके वाँका वाते भी मसी आपणो जीव दिदो हो।
ईं वाते मूरताँ का हामे चड़ई तकी चिजाँ ने खाबा का बारा में आपाँ जाणा हा के, मूरताँ को दनियाँ में कई वजूद ने हे अन ओ हे के, एक ने छोड़न कुई परमेसर ने हे।