पण यद्याँ थूँ ब्याव भी करे तो पाप ने हे अन यद्याँ कूँवारी को ब्याव वे तो भी कई पाप ने हे, पण अस्या मनक सरीर को दुक जेली अन मूँ अणाने बंचाणो छारियो हूँ।
अन यद्याँ कुई हमजे के, मूँ आपणी हगई वीं तकी वीं मोट्यार कुँवारीऊँ ब्याव ने करन हव ने कररियो हूँ अन यद्याँ वाँकी वासना की भावना वेरी वे तो वाँने ब्याव कर लेणो छावे, ईंमें पाप ने हे।
जद्याँ तईं कणी लुगई को धणी जीवतो हे, तद्याँ तईं वाँ वींका बन्धन में बन्दी तकी हे। पण जद्याँ वींको धणी मर जावे, तो वाँ जणीऊँ छावे वणीऊँ ब्याव कर सके हे पण बेस परबू का गट-जोड़ में।
पण मोट्यार विदवा लुगायाँ को नाम सेवा करबा की पोती में मती लिकज्ये, काँके जद्याँ वीं आपणी देह की मरजी का वाते ब्याव करणी छावे, तो वीं मसी का गेलाऊँ भटक जावे हे।