36 अन यद्याँ कुई हमजे के, मूँ आपणी हगई वीं तकी वीं मोट्यार कुँवारीऊँ ब्याव ने करन हव ने कररियो हूँ अन यद्याँ वाँकी वासना की भावना वेरी वे तो वाँने ब्याव कर लेणो छावे, ईंमें पाप ने हे।
या बात थाँकी भलई का वाते केरियो हूँ ने की थाँ पाबन्द कररियो हूँ। ईं वाते मूँ छावूँ हूँ के, थाँ वोईस करो ज्यो अपणा आप में सई हे अन थाँ पूरा मनऊँ खुद परबू की सेवा में लाग जावो।
पण ज्यो मन में पाको हे अन जिंपे कई दबाव ने हे अन वो आपणी मरजी ने आपणाँ अदिकार में राके अन आपणाँ मन में आ बात ते कर लिदी हे के, मूँ आपणी हगई वीं तकीऊँ ब्याव ने करूँ तो वो ओ हव करे हे।