35 या बात थाँकी भलई का वाते केरियो हूँ ने की थाँ पाबन्द कररियो हूँ। ईं वाते मूँ छावूँ हूँ के, थाँ वोईस करो ज्यो अपणा आप में सई हे अन थाँ पूरा मनऊँ खुद परबू की सेवा में लाग जावो।
काँके कुई गतराड़ा अस्या हे, ज्यो माँ का गरबऊँ ईंस अस्या जनम्याँ। अन कुई गतराड़ा अस्या हे, ज्याँने मनकाँ बणाया अन कुई गतराड़ा अस्या हे, जणा हरग का राज का मस ब्याव ने करबा को फेसलो किदो हे। ज्यो ईं बचन ने गरेण कर सके हे, वीं गरण करले।”
अन ज्यो बीज झाड़क्याँ में पड़्या वी वणी मनक का जस्यान हे, जी बचन माने तो हे, पण वीं चन्ता-फिकर अन मो-माया अन जीवन का भोग-विलास में दब जावे हे अन वाँके फळ भी ने पाके हे।
पण यद्याँ थूँ ब्याव भी करे तो पाप ने हे अन यद्याँ कूँवारी को ब्याव वे तो भी कई पाप ने हे, पण अस्या मनक सरीर को दुक जेली अन मूँ अणाने बंचाणो छारियो हूँ।
अन यद्याँ कुई हमजे के, मूँ आपणी हगई वीं तकी वीं मोट्यार कुँवारीऊँ ब्याव ने करन हव ने कररियो हूँ अन यद्याँ वाँकी वासना की भावना वेरी वे तो वाँने ब्याव कर लेणो छावे, ईंमें पाप ने हे।
आकरी में हो भायाँ, ज्यो ज्यो बाताँ हाँची हे अन ज्यो ज्यो बाताँ आदर करबा जस्यी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ सई हे अन ज्यो ज्यो बाताँ ऊजळी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ हुवावणी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ हव गुण, बड़ई अन बड़िया हे वाँपे ध्यान लगाया करो।