अन ईं तरियाँ वाँका बच्यार बट जावे हे। पनी तकी अन कूँवारी में भी फरक हे, कूँवारी तो परबू की चन्ता करे हे के, वाँ देह अन आत्मा दुयाँ में पुवितर वे, पण पनी तकी दनियाँ की चन्ता करती रेवे हे के, आपणाँ धणी ने राजी राके।
पण यद्याँ कुई आपणाँ हगा-होई की, अन खास तरियाऊँ आपणाँ परवारवाळा की देक-रेक ने करे, तो वो आपणाँ विस्वासऊँ फरग्यो हे अन वो एक बना विस्वासवाळाऊँ हेलो बुरो वेग्यो हे।
अस्यानीस हो मोठ्याराँ, थाँ भी थाँकी लुगायाँ का हाते हमजदारी का हाते जीवन जीवो। लुगायाँ ने कमजोर हमजन वाँको आदर करो, ओ जाणन के, आपीं दुई जीवन का वरदान में पांतीदार हा, ताँके थाँकी परातना में कुई ओट ने आवे।