3 धणी आपणी लुगई की मनसा पुरी करे अन वस्यानीस लुगई ने भी आपणाँ धणी की मनसा पुरी करणी छावे।
पण मूँ थाँने ओ केऊँ हूँ के, कूकरमऊँ बंचबा का वाते हरेक मनक के लुगई वेणी छावे अन हरेक लुगई के धणी वेणो छावे।
लुगई को आपणी देह पे बेस खुद अदिकार ने हे, पण वींका धणी ने भी हे अन वस्यानीस धणी ने भी आपणी देह पे अदिकार ने हे, पण वींकी लुगई ने भी हे।
अस्यानीस हो मोठ्याराँ, थाँ भी थाँकी लुगायाँ का हाते हमजदारी का हाते जीवन जीवो। लुगायाँ ने कमजोर हमजन वाँको आदर करो, ओ जाणन के, आपीं दुई जीवन का वरदान में पांतीदार हा, ताँके थाँकी परातना में कुई ओट ने आवे।