पण यद्याँ थूँ ब्याव भी करे तो पाप ने हे अन यद्याँ कूँवारी को ब्याव वे तो भी कई पाप ने हे, पण अस्या मनक सरीर को दुक जेली अन मूँ अणाने बंचाणो छारियो हूँ।
अन रोबा वाळा अस्या वे के, मानो वीं कदी दकी ने व्याई कोयने अन आणन्द करबावाळा अस्या वे मानो आणन्द ने करे, अन मोल लेबावाळा अस्या वे मानो वाँका नके कई ने हे।
काँके सास्तर में भी लिक्यो तको हे के, “हाराई मनक चारा के जस्यान हे, अन वाँको सजणो अन धजणो भी काकड़ का फुल का जस्यान हे। चारो हूक जावे हे अन फुल जड़ जावे हे।