कई थाँ ने जाणो हो के, बुरा मनक परमेसर का राज का वारिस ने वेई? धोको मती खावो अन ने गलत वेवार करबावाळो बण, ने मूरताँ पूजो, ने कुकरम, ने मनक मनक का हाते हुगलो काम करे,
मने आ भी दरपणी लागे हे के, जद्याँ मूँ थाँकाऊँ मलबा आऊँ तो थाँका हामे मारो परमेसर मने हरमा ने मारे। मने वाँका वाते ज्यो पेल्याँ पाप किदो हो जस्यान कुकरम, हूगळोपणो अन भोग-विलास में जीव जियो हो अन आ बाताँ ने करबा का केड़े भी वीं आपणाँ मन ने ने फेरिया, वाँ वाते रोणो ने पड़े।
ब्याव को हाराई ने मान करणो छावे। लोग-लुगई एक-दूँजा का वाते वफादार रेवो। काँके दूजाँ का हाते गलत वेवार राकबावाळा लोग-लुगई ने अन कुकरम करबावाळा ने परमेसर सजा देई।
हे मारा प्यारा भायाँ-बेना, थाँ जो ईं दनियाँ का मयने बारवासी मनकाँ के जस्यान हो, थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ पाप करबा की बुरी मरजीऊँ खुद ने बंचान राकज्यो, ज्या थाँकी आत्माऊँ लड़ती रेवे हे।