ईसू वाँने एक ओरी केणी क्यो, “हरग को राज खमीर का जस्यान हे जिंने कुई लुगई थोड़ोक लेन तीन पसेरी आटा में मला देवे अन देकताई-देकता वणी हाराई आटा ने खमीर फुजई देवे हे।”
कई थाँने ओ ने पतो कई, जद्याँ थाँ किंका हाताँ में खुद ने दास का जस्यान हूँपो हो, तो थाँ वाँकी आग्या मानबा का वाते वाँका दास हो। तो पछे पलई थाँ पाप का दास बणो ज्यो मोत का आड़ी ले जावे हे अन पलई आग्या मानबावाळा बणो, ज्याँ थाँने धारमिकता का आड़ी लेजाई।