12 ज्यो अविस्वासी हे, मण्डळ्याँ का ने हे, वाँको न्याव करबा में मारो कई काम? कई थाँने वणाकोईस न्याव करणो छावे जीं मण्डळ्याँ का हे?
ईसू वाँने बतायो, “थाँने तो परमेसर का राज को भेद बता दिदो हे। पण, दूजाँ लोग ज्यो बारणे हे, वाँने वीं हंगळी बाताँ केणी में हुणाई जाई।
ईसू वींने क्यो, “अरे भला मनक, मने थाँको न्याव कन बटवारो करबावाळो कणी बणायो हे?”
ईसू वींने क्यो, “मारो राज ईं दनियाँ को ने हे। यद्याँ मारो राज ईं दनियाँ को वेतो तो मने मानबावाळा लड़ता के, मूँ यहूदियाँ का हाताँ में हूँप्यो ने जाऊँ। पण मारो राज अटा को ने हे।”
हाराई मोका ने हव तरियाऊँ काम में लेता तका अविस्वासी मनकाँ का हाते हव अकलऊँ वेवार करो।
जणीऊँ थाँने बना विस्वास करबावाळाऊँ आदर-मान मले अन थाँने कणी बात की कमी ने रेवे।
वो अस्यान को मनक वेणो छावे जिंको मण्डली का अलावा दूजाँ मनक भी मान करे, ताँके वो बदनाम ने वेवे अन सेतान का जाळ में ने फसे।