16 ईं वाते मूँ थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, मारा जस्यान चाल चालो।
थाँ मारे जस्यान चाल चालो जस्यान मूँ मसी की चाल चालूँ हूँ।
हो भायाँ, थाँ हारई मारा जस्यान चाल चालो। अन वाँपे ध्यान दो ज्यो अस्यी चाल पे चाले जस्यान की चाल थाँ माकाँ में देकी ही।
ज्यो बाताँ थाँ माराऊँ लिदी, हिकी, हूणी अन मारा में देकी वाँने मान्याँ करो, तद्याँ सान्ती देबावाळो परमेसर थाँका हाते रेई।
थाँ घणा कळेसाँ में भी पुवितर आत्माऊँ मलबावाळा आणन्द का हाते बचन मानन माँके अन परबू का जस्यान चालबावाळा बणग्या हो।
अस्यान की बात ने के, थाँका पे मारो हक ने हे, पण माँ छावाँ हा के, थाँ माँने देकन हिको अन माँके जस्यान जीवन जीवो।
आपणाँ मुक्या ने आद राको, जणा थाँने परमेसर का बचन हुणाया हे, वाँके चालचलन का फळ का बारा में होचो अन वाँके विस्वास की नकल करो।
ज्या विस्वासी मण्डली थाँका हक में हे वींपे जोर मती जमावो, पण लोगाँ ने हिक देबावाळा बणो,