ज्यो बाताँ में थाँकाऊँ किदी ही के, दास आपणाँ मालिकऊँ मोटो ने वेवे हे। वाँने आद राकज्यो। यद्याँ वणा मने हतायो हे, तो थाँने भी हताई। यद्याँ वणा मारी बाताँ मानी, तो थाँकी भी मानी।
पण थूँ तो, “यद्याँ थाँरो दसमण भुको वे तो वींने खाणो खवाड़। यद्याँ वो तरियो वे, तो वींने पाणी पिबा का वाते दे। यद्याँ थूँ अस्यान करी, तो अणीऊँ वो हरमा मरी अन नानो नानो वेई।”
हो भायाँ-बेना, थाँ माँकी मेनत अन दुक ने आद राको हो ज्यो थाँका बचमें व्यो हो अन माँ रात-दन काम धन्धो करन थाँने परमेसर को हव हमच्यार हुणायो जणीऊँ थाँका पे कई बोज ने पड़े।
जद्याँ वाँकी बेजती किदी गी, तो भी वणा किंकीई बेजती ने किदी। जद्याँ वीं दुक जेलरिया हा, तो भी वणा किंने भी धमकी ने दिदी, पण वणा आपणाँ खुद ने हाँचा न्याव करबावाळा परमेसर ने हूँप दिदा।
जद्याँ के हरग-दुत मीकाईल ज्यो दुताँ को मुक्यो हो, वो मूसा की लास का वाते सेतानऊँ वाद-विवाद कररियो हो, तो भी वो वींके हामे सेतान ने कई बुरी बात बोलबा की हिम्मत ने किदी, पण अतरोक बोल्यो के, “परबू थने तापड़ी।” काँके वींका नके भी न्याव करबा को अदिकार ने हो।