काँके थाँ अबाणू तईं दनियाँ का मनकाँ का जस्यान हो, ईं वाते थाँकामें रिस्याँ बलणो अन कळेस मोजुद हे, तो कई थाँ दनियाँ का सांसारिक मनक ने हो अन थाँ सांसारिक मनकाँ के जस्यान वेवार करो हो?
हो विस्वासी भायाँ में ईं बाताँ ज्यो थाँने हिकई हे वीं आपणाँ खुद अन अपुलोस का ऊपरे लागू किदी हे, ताँके थाँ अणी कावत को अरत जाणन हिक सको के, “थाँ सास्तर में लिकी तकी बाताँ ने उलाँगो कोनी” अन एक मनक को पकस लेन कणी दूजाँ का विरोद करता तका मेपणाऊँ ने भर जावो।