17 यद्याँ कुई परमेसर का मन्दर ने नास करी तो परमेसर वींने नास करी, काँके परमेसर को मन्दर पुवितर हे अन वो मन्दर थाँ हो।
कई थाँ ने जाणो के, थाँ परमेसर का मन्दर हो अन परमेसर की आत्मा थाँकामें वास करे हे।
थाँ आपणाँ खुद ने धोका मती दो। यद्याँ थाँकामूँ कुई ईं दनियाँ में आपणाँ खुद ने ग्यानवाळो हमजे तो वींने बना अकल को बणणो छावे के, वो ग्यानवाळा वे जावे।