ज्यो बीज झाड़क्याँ में वाया ग्या, वीं वणा मनकाँ का जस्यान हे, ज्यो परमेसर का बचन ने हुणे हे, पण ईं दनियाँ की चन्ता अन धन-माया को लोब-लाळच वाँने परमेसर को बचन भुलई दे के, परमेसर वाँकाऊँ कई छावे हे अन वो फळ ने लावे।
परमेसर दनियाँ मूँ वाँनेईस चुण्या ज्याँने दनियाँ की नजराँ में नीचा हमज्या जावे हे अन ज्याँने बेकार हमज्या जावे अन ज्यो कई भी ने हे। परमेसर अणाने चुण्या ताँके दनियाँ ज्याँने खास हमजे हे, वाँने वीं बेकार ठेरा सके,
हो भायाँ, मूँ थाँकाऊँ वस्यान बात ने कर सक्यो जस्यान आत्मिक मनकाँऊँ करूँ हूँ, पण मने थाँकाऊँ वस्यान बात करणी पड़ी जस्यान सांसारिक मनक करे हे अन ज्यो अबाणू मसी में नवा विस्वासी हे।
माँ आ बात मेपणोऊँ अन साप हरदाऊँ के सका हाँ के, माँ ईं दनियाँ का हाते अन खासतोरऊँ थाँका हाते परमेसर की दया के जस्यान चाल्या हा अन हव तरियाऊँ अन हाँच का हाते चाल्या हा ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ मले हे ईं दनियाँ की अकलऊँ ने मले हे।
हो विस्वासी भायाँ, मूँ अणा आकरी सबदा का हाते अणी कागद ने बन्द कररियो हूँ, राजी रिया करो, थाँका वेवार ने बदलो, एक-दूँजा ने हिम्मत बंदावो, सान्ती अन मेल-मिलापऊँ रो, तद्याँ परमेसर ज्यो परेम अन सान्ती का दाता हे थाँका हाते रेई।
ईं दनियाँ को सेनापती ज्यो सेतान हे, वो वणा मनकाँ की अकल ने बन्द कर मेली हे जीं विस्वास ने करे हे। जणीऊँ वीं परमेसर का रूप में मसी ने अन वाँकी मेमावान उजिता का हव हमच्यार ने ने देक सके।
थाँ पेल्याँ दनियाँ का हूँगला नेमा पे चालता हा। अन वीं वादळा की आत्मिक सगत्याँ का राजा ने मानता हा, ज्यो आत्मा लोगाँ ने अबे परमेसर को मान ने करबा का वाते मजबूर करती ही।
मसी का बारा में परच्यार करन आपीं मनकाँ ने चेतावा हा अन पूरा ग्यानऊँ मनकाँ ने हिकावा हाँ, ताँके हाराई मनकाँ में मसी का हाराई गुण भरन परमेसर का हामे ला सका।
इपफरास, ज्यो थाँका मेईलोईस हे अन मसी ईसू को दास हे, वो थाँने आद कररियो हे अन हरदाण थाँका वाते आका मनऊँ परातना करे हे। जणीऊँ थाँ हमजदारी अन पूरा भरोसा का हाते परमेसर की मरजी में अटल रेवो।
ईं वाते आवो, मसी की हिक की सरुआत की बाताँ ने छोड़न आपाँ पाका वेबा का वाते आगे बड़ता जावा। अन आपाँ सरुआत की हिक की नीम पाच्छी ने नाका, जस्यान के, मोत का आड़ी लेजाबावाळा कामाँऊँ मन फेरणो, अन परमेसर पे विस्वास करणो,